वर्ण विक्षेपण
जब किसी लड़के द्वारा,
किसी लड़की के दिल पर,
प्यार की किरण
डाली जाती है.
बदले में लड़की एक,
झन्नाटे दार थप्पड़ लगती है,
तो लड़के की,
सभी इंद्रियाँ सो जाती हैं,
उसकी आँखों के सामने,
लाल,पीली,नीली,
कई प्रकार की पट्टियाँ,
दृष्टिगोचर हो जाती हैं.
विज्ञान इसे अपने से,
अलग नहीं कर पाता है.
प्रकाशिकी में इस घटना को,
वर्ण विक्षेपण कहा जाता है.
अवशोषण स्पेक्ट्रम-
यूँ गहराई से देखने पर,
कभी-कभी स्थिति,
कुछ बदल जाती है.
थप्पड़ के फलस्वरूप,
लड़के की आँखों के बीच,
आँसू की बूँदें आ जाती हैं.
आँसुओं का स्पेक्ट्रम में,
विशेष प्रभाव नज़र आता है.
सूक्ष्मदर्शी से देखने पर,
प्यार का रंग गायब हो जाता है.
स्पेक्ट्रम में कुछ,
शर्म और बेइज़्ज़ती के रंग ही,
उपस्थित रहते हैं.
विज्ञान में हम इसे,
अवशोषण स्पेक्ट्रम कहते हैं.
उत्सर्जन स्पेक्ट्रम-
इन सब के फलस्वरूप,
कभी-कभी धनवान लड़के की दौलत,
अपना प्रभाव दिखाती है.
लड़के के प्यार के इज़हार से,
लड़की की आँखों में,
एक तीब्र चमक आ जाती है.
जब इस प्राप्त प्रकाश का,
स्पेक्ट्रम लिया जाता है,
तो अलग-अलग स्वाभाव के अनुसार,
लालच का रंग क्रमशः,
हल्का या गाढ़ा नज़र आता है.
विज्ञान के अनुसार इसे,
उत्सर्जन स्पेक्ट्रम कहा जाता है.
बैंड स्पेक्ट्रम-
यहाँ यदि कोई लड़का,
लड़की के भाई का कान भर दे.
और वा हाकी और डंडों से,
लड़के पर आक्रमण कर दे,
तो इस स्थिति में लड़का,
टूटे हुए हाथ पैर के साथ,
अस्पताल में नज़र आता है.
उसके सर से प्यार का रंग,
गायब हो जाता है.
लोग कहते हैं-ये अराजक तत्व हैं.
पर हमारी दृष्टि में,
इनका भी विशेष महत्व है.
कई वैज्ञानिकों नें इस स्थिति का भी,
स्पेक्ट्रम लिया है.
उन्होने इसे ,
बैंड स्पेक्ट्रम नाम दिया है.
फ्रानहोफ़र रेखाएँ-
कभी-कभी थप्पड़ के फलस्वरूप,
गाल की पृष्टभूमि पर,
कुछ पतली रेखाएँ उभर आती हैं.
जो सामान्य आँखों से
ओझल रहती हैं.
पर विज्ञान की भाषा में,
ये भी कुछ कहती हैं,
जब भी कोई आप से पूछे,
बिल्कुल भी न शरमाएँ,
बेहिचक इन्हें
फ्रानहोफ़र रेखाएँ ही बताएँ.
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