ख्वाहिश.





हमसे बस दो बातें शायद, उनकी भी मजबूरी है.

कहते हैं नफरत के खातिर, थोडा प्यार जरूरी है.

उनकी यादें दिल में लेकर, मैं जागा हूँ रातों को
,
पर उनका सपना बनाने की, चाहत मगर अधूरी है.

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