कविता
सुबह-सुबह नास्ते की टेबल पर
बैठते ही बेटा
कुछ बुदबुदाने लगा.
अपनी प्लेट कटोरी आदि लेकर
बाहर जाने लगा.
हमने पूछा-बेटा यह सुबह-सुबह
क्या गुनगुना रहे हो.
और यह सब ले कर
कहाँ जा रहे हो.
बेटा बोला-पापा,
मैं स्कूल का होमवर्क दोहरा रहा हूँ.
सर ने कहा था,
सुबह-सुबह ताज़ी हवा खानी चाहिए
इसलिए यह सब लेकर
बाहर जा रहा हूँ.
जय सिंह "गगन"
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