बघेली कविता
बोर्ड क आबा इम्तहान मोरे दादू क.
अँटका हइ चूंदई म प्रान मोरे दादू क.
सुरती सुपारी ससू जान बना ओनकर.
ज़ेबा देखा पॅयन क दुकान बना ओनकर.
कतनउ जो कहइ त सुनात नहीं एनके.
पान देखा मुहें म ओंबात नहीं एनके.
होठ ओठलाली कस ललान मोरे दादू क.
अँटका हइ चूंदई म प्रान मोरे दादू क.
चर्र-चर्र राति भर फारि रहें चुटका.
सगळे खलीशा माँहि डारि रहें चुटका.
घोड़ा हाँथी गदहा क नाम लिखि डारिनि.
पेटे अउ पिठाहें म तमाम लिखि डारिनि.
बिना पढ़े होइग बिहान मोरे दादू क.
अँटका हइ चूंदई म प्रान मोरे दादू क.
अपनेन कस टोली म डहरि रहें देखा.
जीगर हँ झंडा अस फहरि रहें देखा.
छिनइ भर देखा अउ हेराइ जाँइ पट्टई.
पढ़इ लिखइ कहइ त पराइ जाइ पट्टई.
कक्षा माही पउबे तूँ लूकान मोरे दादू क.
अँटका हइ चूंदई म प्रान मोरे दादू क.
आसउँ त पढ़ाई म कमाल कइ आएँ.
पर्चा क सगला सवाल कइ आएँ.
उल्टा सीधा सगला घटाइ जोडि आएँ.
परचा म चुटका घलाइ छोडि आएँ.
पास नहीं फेल भर सुनान मोरे दादू क.
अँटका हइ चूंदई म प्रान मोरे दादू क.
ओइसे क सगला बज़ार छुछुअइहीं.
पढ़इ जो कहै त बेराम होइ जइहीं.
छोटकउना सोइ ग लिबाला क ताके.
महतारी बइठी हइ लाला क ताके.
राति-राति पउबे तूँ हेरान मोरे दादू क.
अँटका हइ चूंदई म प्रान मोरे दादू क.
एनके पढाई माही घरबउ बेचाइ ग.
आसउँ के परीक्षा माही फरमउ भराइ ग.
छोडि कइ पढ़ाई क उदार भएँ दादू.
नकल क आसउँ ठेकेदार भएँ दादू.
"गगन" हमां तबउ पछिआन मोरे दादू क.
अँटका हइ चूंदई म प्रान मोरे दादू क.
जय सिंह"गगन"
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