नए शहर की नई गली में एक नया अध्याय मिला.
एक नई मजबूरी देखी,जीने का पर्याय मिला.
यहाँ अमीरी और गरीबी,सिक्के के दो पहलू हैं,
इस गहरी खाई को भरने,हर अमला असहाय मिला.
चेहरे पर चेहरा रखने की,कितनी बड़ी अहमियत है,
वर्षों से गुमनाम रहा जो,वो कल करता हाय मिला.
बुझ जायेगी आग उदर की,कुछ ऐसी उम्मीद जगी,
,
आज उन्हीं उम्मीदों का यूँ,जलता हुआ सराय मिला.
बढ़िया......................
जवाब देंहटाएंबुझ जायेगी आग उदर की,कुछ ऐसी उम्मीद जगी,
,
आज उन्हीं उम्मीदों का यूँ,जलता हुआ सराय मिला.
बहुत खूब कहा...........