गगन
बुधवार, 12 मार्च 2014
गुजारिश.
मेरा दिल यूँ तडफता है बुरे हालात रोते हैं.
चले आओ अकेले हैं मेरे जज्बात रोते हैं.
ज़माने ने लगा रक्खी है जाने बंदिशें कितनी,
बिखरते ख्वाब आँखों में यूँ सारी रात रोते हैं.
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