गगन
गुरुवार, 10 अप्रैल 2014
बचपन.
एक पोटली मुझे थमा कर उस बचपन के किस्से की.
जो भी चहिये सब ले जाना खुशी हमारे हिस्से की.
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें
नई पोस्ट
पुरानी पोस्ट
मुख्यपृष्ठ
सदस्यता लें
टिप्पणियाँ भेजें (Atom)
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें