बघेली ग़ज़ल
हिंदू मरा हबइ न मुसलमान मरा हइ.
दंगा म हमरे गाँउ क जवान मरा हइ.
महतारी टाठी धइ डेहरी पर ताके हइ
जइसइ के मोर लाला भुखान मरा हइ.
बाप परे खटिया म कल्पत हँ दादू क
सान्सि हबइ अटकी पइ प्रान मरा हइ.
मेहरारू पागलि पाथर कस बइठी हइ.
"गीता"क मारि जइसइ"क़ुरान"मरा हइ.
लरिका भएं बेलाला दइअइ सहाइ हइ.
आँधियार हबइ छाबा बिहान मरा हइ.
"गगन"केर हरजाना लागत हइ अइसन
आपन कोउ होइ न जैसै आन मरा हइ.
जय सिंह"गगन"
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें