गगन
रविवार, 11 अगस्त 2013
जहन्नुम यहीं है.
चंदन है,रोली है,कुमकुम यहीं है.
खुश्बू यहीं है,तरन्नुम यहीं है.
कर्मों का फल तो मिलेगा यहीं पर,
जन्नत यहीं है,जहन्नुम यहीं है.
जय सिंह"गगन"
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