गगन
सोमवार, 4 जून 2012
गुजारिश .
मेरे गीतों को तूं गाने का बहाना कर दे.
ग़मों का दौर है मुस्कुराने का बहाना कर दे.
उलझ गए हैं मेरे हर्फ़ जमाने की बेवफाई में,
लबों से छू कर जरा उनको आशिकाना कर दे.
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