गगन
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मेरी तनहाइयाँ
सज़दा
ख्वाब
याद
इंतज़ार
माँ
माँ और बचपन
आओ सावन
चल चंदा उस देश.
तुम्हें क्या नाम दूं
आईना
दर्द
मासूम आंसू.
जुदाई.
सोच.
मर्यादा .
ख्वाहिश.
मशवरा
बज़ट
विकास देखिये.
▼
सोमवार, 4 जून 2012
गुजारिश .
मेरे गीतों को तूं गाने का बहाना कर दे.
ग़मों का दौर है मुस्कुराने का बहाना कर दे.
उलझ गए हैं मेरे हर्फ़ जमाने की बेवफाई में,
लबों से छू कर जरा उनको आशिकाना कर दे.
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