गगन
पेज
(यहां ले जाएं ...)
मेरी तनहाइयाँ
सज़दा
ख्वाब
याद
इंतज़ार
माँ
माँ और बचपन
आओ सावन
चल चंदा उस देश.
तुम्हें क्या नाम दूं
आईना
दर्द
मासूम आंसू.
जुदाई.
सोच.
मर्यादा .
ख्वाहिश.
मशवरा
बज़ट
विकास देखिये.
▼
गुरुवार, 18 सितंबर 2014
मुझे तुम याद कर लेना.
न हो मेले में जब मस्ती, मुझे तुम याद कर लेना.
बिखरने जब लगे हस्ती, मुझे तुम याद कर लेना.
तुम्हारा शौक इस दरिया के अक्सर पार जाना है.
भंवर जब रोक ले कश्ती, मुझे तुम याद कर लेना.
“गगन”
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें
‹
›
मुख्यपृष्ठ
वेब वर्शन देखें
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें