गगन
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मेरी तनहाइयाँ
सज़दा
ख्वाब
याद
इंतज़ार
माँ
माँ और बचपन
आओ सावन
चल चंदा उस देश.
तुम्हें क्या नाम दूं
आईना
दर्द
मासूम आंसू.
जुदाई.
सोच.
मर्यादा .
ख्वाहिश.
मशवरा
बज़ट
विकास देखिये.
▼
बुधवार, 11 अप्रैल 2012
जागीर.
अरे छोटी सी बात पर,
इज्जत दांव पर लगाओगे.
कल को जब,
बच्चे भूखे मरेंगे,
तो क्या बेचोगे?
उनके लिए रोटी,
कहाँ से लाओगे?
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