गगन
पेज
(यहां ले जाएं ...)
मेरी तनहाइयाँ
सज़दा
ख्वाब
याद
इंतज़ार
माँ
माँ और बचपन
आओ सावन
चल चंदा उस देश.
तुम्हें क्या नाम दूं
आईना
दर्द
मासूम आंसू.
जुदाई.
सोच.
मर्यादा .
ख्वाहिश.
मशवरा
बज़ट
विकास देखिये.
▼
सोच.
अपने लगें अजनबी, क्या यह आँखों की बीमारी है?
या कि फिर बेजान हो चुकी, सारी सोच हमारी है?
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें
मुख्यपृष्ठ
वेब वर्शन देखें
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें